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Pooja

 

सावन शिवरात्रि पर अमरनाथ में कराएं सामूहिक महारुद्राभिषेक,देवों के देव महादेव होंगे आप पर मेहरबान - 06 अगस्त 2021

By: माई ज्योतिष विशेषज्ञ

पूजा के शुभ फल :

  • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए लाभदायक है रुद्राभिषेक ।
  • पुत्र सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  • पातकों के नाश के साथ ही शत्रु पराजित होते है। 
  • मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 
  • समस्त संकटों का निवारण होता है। 

कब है सावन शिवरात्रि : 
इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई से प्रारम्भ हो रहा है। सावन की शिवरात्रि इस वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के चतुर्दशी तिथि यानी की 06 अगस्त, दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है। जो कि 07 अगस्त, दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। इस साल सावन शिवरात्रि 6 अगस्त को है। इस दिन भगवान् शिव की आराधना करने से रक्षा, आरोग्य, सौभाग्य एवं शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

सावन शिवरात्रि पूजा महत्व : 
सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव के भक्त गंगा जल से महादेव का रुद्राभिषेक करते है। इसके अलावा, अविवाहित महिलाओं को अच्छे पति के लिए सावन महीने के सभी सोमवारों को व्रत रखने की सलाह दी जाती है। विवाहित महिलाएं अपने पति और पुत्रों की भलाई के लिए सावन शिवरात्रि पर व्रत करती हैं, जबकि अविवाहित महिलाएं शिव जैसे पति के लिए प्रार्थना करती हैं, जिन्हें आदर्श पति माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ अवसर पर शिवरात्रि अनुष्ठान करने से मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिल सकती है या जिसे जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति माना जाता है।

हमारी सेवाएं-

रुद्राभिषेक की समस्त तैयारी हमारे पंडित जी द्वारा की जाएगी। यह रुद्राभिषेक 5 पंडितों द्वारा किया जाएगा। रुद्राभिषेक से पूर्व पंडित जी द्वारा कॉल पर आपको संकल्प करवाया जाएगा।

जानिये हमारे पंडित जी के बारे में

Pt Rameshwar Bhardwaj
नाम:- पंडित रामेश्वर भारद्वाज
योग्यता :-ज्योतिष शास्त्र

बाबा भोलेनाथ के परम पुजारी पंडित रामेश्वर भारद्वाज जम्मू के निवासी हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा रघुनाथ संस्कृत महाविद्यालय वीरपुर से पूर्ण की है। वह इस मंदिर में सालों से पूजा अर्चना कर रहे है। वह विशेष तौर पर कर्मकण्ड ब्राह्मण है। उनके साथ - साथ यहाँ अन्य ब्राह्मण भी काम करते है। वह जम्मू में स्थित विभिन्न मंदिरों में जैसे की अमरनाथ, वैष्णों देवी, सुधमहा देव आदि में भी पूजन आयोजित करते है। उनके निरक्षण में समस्त प्रकार के धार्मिक समाहरोह आयोजित किये जाते है। इन कार्यक्रमों में विवाह,सत्यनारायणपूजा,हवन,गृहप्रवेश,गंडमूल,कालसर्पदोष,ग्रह दोष शांतिपाठ, कुंडली मिलान लग्न ,रामायण,रूद्र अभिषेक इत्यादि पूजाएं शामिल है।